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Tue Aug 26, 2025
देश के प्रमुख उद्योगपति मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली Reliance Industries Limited (RIL) के लिए यह सप्ताह बेहद महत्वपूर्ण है। कंपनी 29 अगस्त 2025 को अपनी Annual General Meeting (AGM) आयोजित करने जा रही है। इस AGM में मुकेश अंबानी कंपनी की रणनीति और भविष्य की दिशा को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण ऐलान कर सकते हैं। विशेष रूप से रिलायंस जियो के IPO (Initial Public Offering) को लेकर चर्चा तेज है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि AGM में जियो के IPO से जुड़ा बड़ा ऐलान किया जा सकता है, जो विश्व के सबसे बड़े टेलीकॉम IPO में से एक होने की संभावना रखता है।
इस बैठक के परिणाम और घोषणाएं निवेशकों के लिए निर्णायक साबित हो सकती हैं और RIL की बाज़ार स्थिति को नई ऊँचाइयों तक ले जा सकती हैं।
साल 2019 में रिलायंस की वार्षिक आम बैठक के दौरान मुकेश अंबानी ने घोषणा की थी कि अगले पांच वर्षों में जियो और अन्य डिजिटल इकाइयों का आईपीओ लाया जाएगा। अब यह समयसीमा पूरी हो चुकी है, और निवेशक रिलायंस जियो के आईपीओ की संभावित टाइमलाइन और वैल्यूएशन से संबंधित स्पष्ट जानकारी का इंतजार कर रहे हैं। रिलायंस जियो का यह आईपीओ कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जो रिलायंस इंडस्ट्रीज के स्टॉक प्रदर्शन और मार्केट वैल्यूएशन को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकता है।
टेलीकॉम सेक्टर की वर्तमान स्थिति रिलायंस जियो के पक्ष में मजबूत मानी जा रही है। BNP के विश्लेषकों के अनुसार, इंडस्ट्री की आय (EBITDA) में लगातार वृद्धि हो रही है, जबकि पूंजीगत व्यय (Capital Expenditure) में कमी देखी जा रही है। इसके अलावा, आने वाले दो तिमाहियों में टैरिफ दरों में वृद्धि की संभावना भी जताई गई है, जो टेलीकॉम कंपनियों की लाभप्रदता को बढ़ा सकती है।
जियो ने हाल ही में अपना 28-दिन का न्यूनतम ₹249 रिचार्ज प्लान बंद कर दिया है, जिसके बाद अब सबसे सस्ता प्लान ₹299 का हो गया है। यह कदम कंपनी की रणनीति में बदलाव को दर्शाता है, जहां अब फोकस सीधे कोर प्रॉफिट (core profit) और मुनाफे पर केंद्रित है। इस रणनीतिक बदलाव से जियो की वैल्यूएशन में सुधार होने की उम्मीद है, जिससे आने वाले आईपीओ के अवसर और भी मजबूत और आकर्षक बन सकते हैं।
आईपीओ (IPO) का अर्थ है "आरंभिक सार्वजनिक पेशकश" (Initial Public Offering), जिसमें एक निजी कंपनी पहली बार आम जनता को अपने शेयर बेचकर पूंजी जुटाती है और स्टॉक एक्सचेंज पर सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध होती है। इसके मुख्य लाभों में कंपनी के लिए धन जुटाना, व्यवसाय का विस्तार करना, कर्ज चुकाना और मौजूदा निवेशकों को लाभ कमाना शामिल है। निवेशकों को भी कंपनी के विकास में हिस्सेदारी और संभावित लाभ का अवसर मिलता है।
कंपनी के लिए लाभ
निवेशकों के लिए लाभ
मई 2024 तक, भारत का वायरलेस ग्राहक आधार 1,168.95 मिलियन (116.89 करोड़) तक पहुंच गया, जिसमें रिलायंस जियो 474.61 मिलियन (47.46 करोड़) उपयोगकर्ताओं के साथ शीर्ष स्थान पर रही। जियो की बाजार हिस्सेदारी 40.6% दर्ज की गई।
वर्ष 2016 में प्रारंभ हुआ रिलायंस जियो भारत के डिजिटल परिवर्तन का एक प्रमुख आधार स्तंभ सिद्ध हुआ। इसने विश्वस्तरीय डिजिटल कनेक्टिविटी तथा सुलभ डेटा सेवाओं के माध्यम से देश के डिजिटल परिदृश्य में क्रांतिकारी परिवर्तन लाया।
रिलायंस जियो के लॉन्च से पूर्व भारत मोबाइल डेटा उपयोग के मामले में वैश्विक स्तर पर 155वें स्थान पर था, किंतु मात्र एक वर्ष के भीतर ही वह अग्रणी देशों की श्रेणी में सम्मिलित हो गया। जियो के आगमन ने भारत के डिजिटल क्षेत्र में "जियो से पूर्व" और "जियो के पश्चात्" का एक स्पष्ट कालखंड स्थापित कर दिया।
वर्तमान में, जियो भारत का सबसे बड़ा और विश्व स्तर पर दूसरा सबसे बड़ा एकल-देशीय डेटा नेटवर्क है। इसके व्यवसाय डिजिटल सेवाओं, एंटरप्राइज़ सॉल्यूशंस और मोबाइल नेटवर्क तक फैले हैं, जो इसे भारत के डिजिटल भविष्य का प्रमुख निर्माता बनाते हैं।
भारत के प्रत्येक नागरिक तक डिजिटल साधनों की पहुँच प्रदान कर सशक्त बनाने के उद्देश्य से, रिलायंस जियो ने राष्ट्र को वैश्विक स्तर पर जोड़ने की प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह भारत के डिजिटल भविष्य का एक आधारभूत स्तंभ बन गया है, जो नवाचार और सुगमता को निरंतर प्रोत्साहित कर रहा है।