जियो फाइनेंशियल सर्विसेज और जर्मनी की एलियांज ने पुनर्बीमा कारोबार (Reinsurance Business) स्थापित करने के लिए गठबंधन किया

Thu Sep 11, 2025

जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (Jio Financial Services) ने जर्मनी की एलियांज (Allianz) के साथ मिलकर भारत में रिफाइनेंस व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए 'एलियांज जियो रीइंश्योरेंस लिमिटेड' (AJRL) की स्थापना की है। जियो फाइनेंशियल कंपनी AJRL में 50% हिस्सेदारी के लिए 10 रुपये अंकित मूल्य वाले 25,000 इक्विटी शेयरों का शुरुआती सब्सक्रिप्शन करेगी, जिसमें 2.50 लाख रुपये का निवेश किया जाएगा। इस कंपनी का मुख्य उद्देश्य भारत के रिइंश्योरेंस कारोबार को विकसित करना है, जो रेगुलेटरी अप्रूवल के अधीन संचालित होगा।

सरकारी मंजूरी और निगमण

AJRL को भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) से अनापत्ति प्रमाण पत्र मिलने के बाद निगमित किया गया। इसके अतिरिक्त, कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय से निगमन प्रमाणपत्र 8 सितंबर, 2025 को प्राप्त हुआ। दोनों कंपनियों ने 18 जुलाई, 2025 को भारत के तेजी से बढ़ते बीमा बाजार की सेवा के लिए 50:50 पार्टनरशिप के साथ रिइंश्योरेंस कंपनी बनाने का समझौता किया था।

रिइंश्योरेंस क्या है?

रिइंश्योरेंस एक ऐसा व्यवसाय है जिसमें एक बीमा कंपनी (जिसे सेडेंट कहते हैं) अपनी जोखिम की पूरी या आंशिक जिम्मेदारी दूसरी बीमा कंपनी (reinsurer) को हस्तांतरित करती है। इसके बदले में रिइंश्योरर को प्रीमियम का भुगतान किया जाता है। इसे “इंश्योरेंस फॉर इंश्योरर्स” (Insurance for Insurers) भी कहा जाता है।

रिइंश्योरेंस का मुख्य उद्देश्य:

  • बड़ी हानियों को प्रबंधित करना
  • वित्तीय प्रदर्शन को स्थिर करना
  • अधिक पॉलिसियां अंडरराइट करने की क्षमता बढ़ाना
  • संभावित दावों के वित्तीय बोझ को साझा कर व्यवसाय का विस्तार करना

रिइंश्योरेंस कैसे काम करता है?

  1. जोखिम का हस्तांतरण: प्राथमिक बीमाकर्ता जनता को पॉलिसियां बेचता है और फिर इन पॉलिसियों के जोखिम का एक हिस्सा रिइंश्योरर को ट्रांसफर कर देता है।
  2. प्रीमियम का भुगतान: सेडेंट रिइंश्योरर को उस जोखिम को लेने के लिए प्रीमियम का भुगतान करता है।
  3. दावा भुगतान: यदि कोई दावा होता है तो रिइंश्योरर सेडेंट को पूरा या आंशिक भुगतान करता है।
  4. अनुबंधात्मक समझौता: तय किया जाता है कि कितना जोखिम हस्तांतरित होगा और किन शर्तों में दावे का भुगतान होगा।

बजाज को छोड़ने के बाद हुई साझेदारी

यह घोषणा एलियांज द्वारा बजाज फिनसर्व से अलग होने के बाद की गई। बयान में कहा गया कि यह पुनर्बीमा साझेदारी जियो फाइनेंशियल की मजबूत डिजिटल उपस्थिति को एलियांज की अंडरराइटिंग विशेषज्ञता और वैश्विक पुनर्बीमा क्षमताओं के साथ जोड़ेगी।

बजाज और आलियांज की साझेदारी क्यों टूटी?

भारत का बीमा बाजार तेजी से बढ़ रहा है और आने वाले वर्षों में इसका आकार और भी बड़ा होने की उम्मीद है। जानकारी के अनुसार, बजाज फिनसर्व के पास बजाज आलियांज लाइफ और जनरल इंश्योरेंस कंपनियों में 74% हिस्सेदारी है, जबकि आलियांज के पास केवल 26% हिस्सेदारी थी। आलियांज अपनी हिस्सेदारी बढ़ाना चाहता था, लेकिन बजाज समूह तैयार नहीं था। इन मतभेदों के चलते 24 साल पुरानी साझेदारी टूट गई।

एलियांज जियो रीइंश्योरेंस लिमिटेड: लाभ और संरचना

संयुक्त उद्यम भारत में एलियांज के मौजूदा री और कमर्शियल पोर्टफोलियो का लाभ उठाएगा। एलियांज के वैश्विक ढांचे की मूल्य निर्धारण, जोखिम चयन और पोर्टफोलियो प्रबंधन विशेषज्ञता से भारत का रिइंश्योरेंस व्यवसाय और मजबूत होगा।

आलियांज ने रिलायंस को क्यों चुना?

  • अंबानी का प्रभाव: रिलायंस किसी भी उद्योग में दबदबा बना सकता है। अंबानी पहले ही जियो फाइनेंशियल के जरिए बीमा क्षेत्र में प्रवेश की बात कह चुके हैं।
  • बीमा क्षेत्र में अवसर: टेलीकॉम जैसी क्रांति की तरह रिलायंस बीमा सेक्टर में भी बदलाव ला सकता है।

भारत का बीमा उद्योग 2030 तक दोगुना होने का अनुमान

इंश्योरेंस ब्रोकर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया और मैकिन्से की रिपोर्ट के अनुसार, भारत का बीमा उद्योग 2030 तक 123% बढ़कर ₹25 लाख करोड़ तक पहुँच सकता है। वर्तमान स्तर 2024 में ₹11.2 लाख करोड़ है।

प्रमुख आँकड़े:

  • 2024 सकल लिखित प्रीमियम (GWP): ₹11.2 लाख करोड़
  • 2030 अनुमानित GWP: ₹25 लाख करोड़ (123% वृद्धि)
  • बीमा प्रवेश: GDP का 3.7% (वैश्विक औसत 6.8%)
  • गैर-जीवन बीमा: 2030 तक ₹2.8 लाख करोड़
  • खुदरा बीमा: 2030 तक ₹21 लाख करोड़

भारत के बीमा क्षेत्र को नीतिगत और सरकारी समर्थन

  • विधायी और नियामक सुधार: बीमा अधिनियम (1938), IRDAI अधिनियम (1999) और संशोधन
  • बीमा विस्तार योजना: ऑल-इन-वन बंडल पॉलिसी
  • बीमा सुगम प्लेटफ़ॉर्म: डिजिटल वन-स्टॉप शॉप

सरकारी हस्तक्षेप और प्रोत्साहन:

  • एफडीआई सीमा 100% तक
  • प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा और जीवन ज्योति योजना में 44 करोड़+ लोग कवर
  • जलवायु आधारित पैरामीट्रिक बीमा मॉडल

एलियांज एसई के बारे में

एलियांज एसई जर्मनी की बहुराष्ट्रीय वित्तीय सेवा कंपनी है। यह दुनिया की सबसे बड़ी बीमा कंपनी और यूरोप की सबसे बड़ी वित्तीय सेवा कंपनी है। फोर्ब्स ग्लोबल 2000 (2023) में 37वें स्थान पर रही। पिछले 25 वर्षों से भारत में रिइंश्योरेंस सेवाएँ प्रदान कर रही है।

जियो फाइनेंशियल के बारे में

जियो फाइनेंशियल सर्विसेज रिलायंस इंडस्ट्रीज की पूर्व सहायक कंपनी है, जिसे अगस्त 2023 में शेयर बाजार में सूचीबद्ध किया गया। यह कंपनी पेमेंट सोल्यूशन्स और बीमा जैसी सेवाएँ प्रदान करती है।

जियो फाइनेंशियल के शेयर में बढ़त

  • बाजार बंद होने तक शेयर 0.78% बढ़कर ₹310.35 पर बंद
  • जून तिमाही शुद्ध लाभ: ₹324.66 करोड़ (3.8% वृद्धि)
  • कुल रेवेन्यू: ₹612.46 करोड़ (46.6% उछाल)
  • नेट इंटरेस्ट इनकम: 52% वृद्धि, ₹264.06 करोड़

निष्कर्ष

यह साझेदारी भारतीय बीमा क्षेत्र में विदेशी पूंजी और विशेषज्ञता का प्रवाह बढ़ाएगी। आने वाले वर्षों में भारत का बीमा बाजार वैश्विक निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन सकता है।